कोरोना संकट के बीच इकोनॉमी को लेकर लगातार आ रही निराशाजनक खबरों के बीच अब एक अच्छी खबर आई है. रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि इस साल की दूसरी छमाही यानी अगले महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी.मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को कहा कि भारत,भारतीयअर्थव्यवस्थाकोलेकरआएअच्छेसंकेतमूडीजनेकहादूसरीछमाहीमेंपकड़ेगीरफ्तार
चीन और इंडोनेशिया जी-20 के एकमात्र उभरते देश होंगे जिनकी जीडीपी वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में रफ्तार पकड़ लेगी. हालांकि इसके बावजूद मूडीज इस अनुमान पर कायम है कि पूरे साल 2020 के दौरान भारत की जीडीपी में 3.1 फीसदी की गिरावट आएगी.इसे भी पढ़ें:मूडीज ने अपने अगस्त के अपडेटेड ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2020-21 में कहा, 'उन्नत देशों के मुकाबले उभरते देशों में आर्थिक परिदृश्य ज्यादा चुनौतीपूर्ण है. हमारा अनुमान है कि चीन, भारत और इंडानेशिया ही जी-20 के ऐसे देश होंगे जहां साल 2020 की दूसरी छमाही में जीडीपी पर्याप्त गति पकड़ लेगी और 2021 में अर्थव्यवस्था कोरोना से पहले वाले दौर में पहुंच जाएगी.'गौरतलब है कि मूडीज ने यह अनुमान लगाया है कि साल 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.9 फीसदी की दर से बढ़ेगी. हालांकि कोरोना से पहले भी भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत कोई बहुत अच्छी नहीं थी. साल 2019-20 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में महज 4.2 फीसदी की दर से बढ़त हुई है. यह पिछले 11 साल की सबसे कम बढ़त दर थी.बीते दिनों भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी यह स्वीकार कर लिया है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में ग्रोथ नेगेटिव रहेगी यानी इसमें गिरावट आएगी. इन्फोसिस के को-फाउंडर एन.आर. नारायणूर्ति ने भी आशंका जाहिर की है कि कोरोना की वजह से इस साल भारत की जीडीपी में आजादी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखी जा सकती है.इसे भी पढ़ें: गौरतलब है कि इसके पहले तमाम रेटिंग एजेंसियों ने आशंका जताई थी कि कोरोना संकट के कारण भारत की जीडीपी में 3 से 9 फीसदी तक की गिरावट आएगी. रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने कहा है कि कोरोना की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच फीसदी की गिरावट आएगी. दूसरी तरफ, रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने चेतावनी दी थी कि भारत में आजादी के बाद चौथी मंदी आने वाली है और यह अबतक की सबसे भयानक मंदी होगी.
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