देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण हाहाकार मचा है. इस मुश्किलवक्त में हर जगह रेमडेसिविर इंजेक्शन की काफी डिमांड हो रही है. कोरोना के मरीज को ये इंजेक्शन कुछ हदतक आराम पहुंचा रहा है और अस्पतालों में इसकी डिमांड ज्यादा है. ऐसे में केंद्र सरकार ने बढ़ती डिमांड को देखते हुए रेमडेसेविर के प्रोडक्शन को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है.अभी तक देश में रेमडसिविर की 38 लाख वायल प्रति महीने बनती थी,रेमडेसिविरबनानेकेलिएनईयूनिटकोमंजूरीलाखवायल्ससेबढ़ाकरलाखकीजाएगीकैपिसिटी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 74 लाख वायल प्रति महीने किया जाएगा. केंद्र सरकार द्वारा कुल 20 नई मैन्युफैक्चरिंग साइट्स को मंजूरी दे दी गई है.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि जहां ऑक्सीजन सपोर्ट पर मरीज हैं, उन्हें रेमडेसेविर की काफी जरूरत है. ऐसे में दिल्ली, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात समेत कई राज्यों को इसकी सप्लाई की जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि डिमांड को देखते हुए प्रोडक्शन को बढ़ाया जा रहा है, इसके एक्सपोर्ट पर पहले ही रोक लग चुकी है.केंद्र सरकार ने सभी मैन्युफैक्चर्स से प्रोडक्शन बढ़ाने को कहा है, साथ ही रोजाना राज्यों के संपर्क में रहकर डिलीवरी को मजूबत करने को कहा है. बता दें कि कई राज्यों में रेमडेसिविर की भारी किल्लत है, लोग अस्पतालों, मेडिकल स्टोर्स के बाहर घंटों लाइन लगाकर खड़े हैं.महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि उन्हें हर दिन 50 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत है, लेकिन केंद्र की ओर से अभी उन्हें 36 हजार इंजेक्शन ही मिल पा रहे हैं. मंत्री नवाब मलिक ने आरोप लगाया है कि नई जानकारी के अनुसार, अब महाराष्ट्र को सिर्फ 26 हजार इंजेक्शन हर रोज मिलेंगे, ऐसे में राज्य में पैनिक फैल सकता है.गौरतलब है कि एक्सपर्ट ने पहले ही ये साफ किया है कि रेमडेसिविर कोई रामबाण नहीं है यानी इसके इस्तेमाल से निश्चित नहीं है कि मरीज की जान बच सकती है. हालांकि, डॉक्टर्स की सलाह के अनुसार अगर कोई मरीज बेहद गंभीर है तो उसे ये दिया जा सकता है, जो उसकी लड़ने की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है.